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मनोरंजक कथाएँ >> चमत्कारी तावीज

चमत्कारी तावीज

श्रीकान्त व्यास

प्रकाशक : शिक्षा भारती प्रकाशित वर्ष : 2010
पृष्ठ :64
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 5018
आईएसबीएन :9788174830111

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सर वाल्टर स्कॉट का प्रसिद्ध उपन्यास तलिस्मान का सरल हिन्दी रूपान्तर.....

Chamatkari Tavij A Hindi Book by Sir Walter Scott

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

चमत्कारी तावीज़

बहुत दिन पहले की बात है, ईसाइयों के तीर्थ-स्थान जेरुसलम पर मुसलमानों ने अधिकार कर लिया था। विधर्मियों के हाथ से अपने तीर्थ-स्थान को छुड़ाने के लिए यूरोप के ईसाइयों ने हथियार उठा लिए। यूरोप के एक-एक गांव से क्रास के चिन्ह वाले झंडे लेकर ईसाई जेरुसलम पहुँचने लगे।

इन लोगों को ‘क्रूसेडर’ कहा जाता था। ऐसे ही एक योद्धा थे सर केनेथ।
केनेथ का घर इंग्लैंड के स्काटलैंड प्रदेश में एक पहाड़ी इलाके में था। वह उस इलाके का सरदार था। उस प्रदेश में प्रायः ठंडक बनी रहती थी और मौसम बड़ा सुहावना रहता था। अपने उस सुन्दर देश को छोड़कर केनेथ को सीरिया के इस रेगिस्तान में ईसाई सेनाओं के साथ धर्म युद्ध में भाग लेने के लिए आना पड़ा था।

केनेथ रणभूमि के किनारे-किनारे अपने घोड़े पर सवार चला जा रहा था। धूप इतनी तेज थी कि रणभूमि की बालू अंगारों की तरह तप रही थी। केनेथ ने सिर पर लोहे का टोप पहन रखा था। उसका शरीर ज़िरह-बख़्तर से पूरी तरह लैस था। वह एक हाथ में फैलाद की मजबूत ढाल और दूसरे में लम्बा भाला लिए हुए था। उसकी कमर में दुधारी तलवार बँधी हुई थी। उसका घोड़ा भी फौलादी बख़्तर से ढका था। केनेथ इंग्लैण्ड का एक बड़ा ज़मींदार था और अपने कबीले का नेता था।

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